Smart City Yojana 2024: 2014 में शुरू हुई केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना चार दिन में खत्म होने जा रही है। हालांकि, जल्द ही इसे फिर से शुरू करने की योजना है, जिसका लक्ष्य इस बार पूरे शहर को कवर करना है। स्मार्ट सिटी के अधिकारी इस योजना को लेकर विशेष बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। इस योजना का उद्देश्य पानी, सफाई, सीवर, बिजली और परिवहन जैसी सुविधाओं में सुधार करके 100 शहरों का विकास करना है।
राजधानी में इसे 813 एकड़ में लागू किया गया, जिसे एबीडी (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में कैसरबाग, हुसैनगंज का कुछ हिस्सा, शिवाजी मार्ग, लाटूश रोड, बर्लिंगटन चौराहे के पास कैंट रोड, बीएन रोड, लालबाग, नॉवेल्टी, भोपाल हाउस, हलवासिया, परिवर्तन चौक, हाईकोर्ट, डीएम ऑफिस, राजस्व परिषद, रेजीडेंसी चौराहा और रिवर बैंक कॉलोनी के पास का इलाका शामिल है।
इस योजना के तहत काम केवल इन क्षेत्रों में ही किया गया। इस वजह से अन्य इलाकों को भी योजना में शामिल करने की मांग बढ़ गई। पूर्व शहरी विकास मंत्री कौशल किशोर ने दो साल पहले इस मांग को उठाया था और कहा था कि वे इसके लिए प्रयास करेंगे। शहरवासी और पार्षद भी पूरे शहर को योजना के दायरे में शामिल करने की मांग करते रहे हैं।
लखनऊ को दो साल बाद चुना गया था
अमृत मिशन योजना 2014 में शुरू की गई थी। लखनऊ को 2016 में फास्ट ट्रैक राउंड में चुना गया था, जिसका मतलब है कि शहर को इस योजना के तहत जल्दी काम शुरू करने का अवसर मिला। लखनऊ के लिए करीब 2100 करोड़ रुपए की योजनाएं बनाई गईं। इनमें से अधिकांश काम अमृत मिशन और अन्य योजनाओं से मिलने वाले बजट से पूरा किया जाना था। इसके अतिरिक्त, 850 करोड़ रुपए की योजनाओं का काम केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाले बजट से किया गया।
Smart City Yojana 2024 का समय दो बार बढ़ाया गया
स्मार्ट सिटी योजना का समय मार्च 2022 में समाप्त हो गया था। इसके बाद, काम पूरा करने के लिए जून 2023 तक का समय दिया गया, इस शर्त के साथ कि जो खर्च आएगा, वह शहर को खुद उठाना पड़ेगा। अगर जून 2023 तक काम पूरा नहीं होता, तो एक साल का और समय बढ़ा दिया गया। अब सभी काम जून 2024 तक पूरा होना है, जिसमें अब चार दिन बचे हैं। इस बीच, योजना को फिर से लॉन्च करने की तैयारी भी चल रही है।
ये प्रमुख काम अभी भी अधूरे हैं:
74 किमी सीवर लाइन: 220 करोड़ रुपए की लागत से 74 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जानी थी। इसका काम जनवरी 2019 में शुरू हुआ था और इसे दिसंबर 2020 तक पूरा किया जाना था। लेकिन अब तक केवल करीब 95 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है।
एबीडी एरिया में नाले: एबीडी एरिया में नाले सही कर उन्हें कवर करने के लिए 58.72 करोड़ रुपए खर्च होने थे। इसका वर्क ऑर्डर फरवरी 2020 में जारी हुआ था, और काम 30 सितंबर 2022 तक पूरा होना था। लेकिन अभी तक केवल 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है।
डीएम कार्यालय में मल्टीलेवल पार्किंग: डीएम कार्यालय में 16.87 करोड़ रुपए की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा रही थी। इसका वर्क ऑर्डर जुलाई 2020 में जारी हुआ था और इसे अक्टूबर 2022 तक पूरा होना था। हालांकि, अब भी पांच प्रतिशत काम बाकी है, जिससे पार्किंग शुरू नहीं हो सकी है।
एबीडी एरिया में पेयजल आपूर्ति: एबीडी एरिया में 43 करोड़ रुपए की लागत से 24 घंटे पेयजल आपूर्ति का काम पूरा नहीं हो सका है। टंकी के निर्माण और पाइपलाइन बिछाने का काम अभी भी अधूरा पड़ा है।