Vaibhav Suryavanshi Biography In Hindi: बिहार के छोटे से गांव से निकले वैभव सूर्यवंशी अब भारत के सबसे होनहार क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक बनकर उभर रहे हैं। सिर्फ 13 साल की उम्र में वैभव ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया।
उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की मेगा ऑक्शन के दौरान आईपीएल नीलामी के लिए शॉर्टलिस्ट होने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर का रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद, राजस्थान रॉयल्स टीम ने उन्हें आईपीएल 2025 सीजन के लिए अपनी टीम में शामिल किया।
वैभव सूर्यवंशी की क्रिकेट यात्रा केवल उनकी उम्र के हिसाब से नहीं, बल्कि उनके खेल कौशल और क्षमता के कारण भी चर्चा का विषय बनी। उन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी से क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों का ध्यान पहले ही आकर्षित कर लिया था। अब, क्रिकेट जगत की निगाहें उनकी प्रगति पर बनी हुई हैं, और उनकी सफलता का इंतजार सभी को है।
Vaibhav Suryavanshi Biography In Hindi
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर गांव में हुआ था। वह बहुत ही कम उम्र में क्रिकेट में रुचि रखने लगे और सिर्फ चार साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, एक किसान हैं। उन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट के प्रति जुनून को पहचाना और उनके लिए घर के पीछे एक छोटा सा खेल का मैदान बना दिया, ताकि वैभव को सही दिशा में प्रैक्टिस करने का मौका मिल सके।
जब वैभव 9 साल के हुए, तो उनके पिता ने उन्हें समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवाया। वैभव सूर्यवंशी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, “दो साल छह महीने की प्रैक्टिस के बाद, मैंने विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए अंडर-16 ट्रायल दिया।” हालांकि, उनकी उम्र के कारण वह स्टैंडबाय पर थे, लेकिन उन्हें रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा सर के साथ कोचिंग का मौका मिला, और वैभव के अनुसार, उन्होंने जो कुछ भी सीखा, वह उन्हीं की बदौलत था।
वैभव की क्रिकेट में प्रतिभा जल्दी ही सबकी नजरों में आ गई। 12 साल की उम्र में ही उन्होंने बिहार के लिए वीनू मांकड़ ट्रॉफी में खेला और केवल पांच मैचों में लगभग 400 रन बनाए। इस युवा खिलाड़ी की कहानी बिहार क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने की प्रेरणा देती है और युवाओं के लिए एक आदर्श बन गई है।
वैभव सूर्यवंशी का क्रिकेट करियर – Vaibhav Suryavanshi Biography In Hindi
वैभव सूर्यवंशी को नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश के मुलापाडु में हुए अंडर-19 सीरीज के लिए इंडिया बी अंडर-19 टीम में चुना गया था। इस टूर्नामेंट में इंडिया ए, बांग्लादेश और इंग्लैंड की अंडर-19 टीमें भी शामिल थीं। यह सीरीज 2024 में होने वाले आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम चयन का महत्वपूर्ण अवसर थी।
वैभव ने ओपनिंग बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 41 रन बनाए, बांग्लादेश के खिलाफ शून्य पर आउट हुए और इंडिया ए के खिलाफ 8 रन बनाए। हालांकि, उनकी शानदार बल्लेबाजी के बावजूद वह वर्ल्ड कप की अंतिम टीम में जगह नहीं बना सके।
लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने हार मानने के बजाय शानदार वापसी की। उन्होंने बिहार के अंडर-23 सेलेक्शन कैंप में शानदार प्रदर्शन किया और राज्य की रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बना ली। जनवरी 2024 में, महज 12 साल और 284 दिन की उम्र में, वैभव ने पटना में मुंबई के खिलाफ बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी 2023-24 के एलीट ग्रुप बी मुकाबले में अपने फर्स्ट-क्लास करियर का डेब्यू किया।
इसके साथ ही वह 1986 के बाद भारत के सबसे कम उम्र में फर्स्ट-क्लास क्रिकेट डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बने। अब तक सिर्फ तीन भारतीय खिलाड़ी – अलीमुद्दीन, एसके बोस और मोहम्मद रमज़ान ने वैभव से कम उम्र में फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला है।
सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह जैसे दिग्गज क्रिकेटर्स ने 15 साल की उम्र के बाद अपना पहला फर्स्ट-क्लास मैच खेला था, जबकि वैभव ने 12 साल की उम्र में यह कीर्तिमान हासिल किया।
सितंबर 2024 में, वैभव ने और भी बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में खेले गए एक टेस्ट मैच में भारत U-19 टीम के लिए डेब्यू किया और महज 62 गेंदों में 104 रन बनाकर इतिहास रच दिया। यह भारतीय युवा क्रिकेट में सबसे तेज शतक था और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक बन गया।
उनका यह शतक 5 छक्कों और 14 चौकों से आया था, और यह इंग्लैंड के मोईन अली के 2005 में श्रीलंका के खिलाफ बनाए गए शतक के बाद दूसरा सबसे तेज था।
वैभव सूर्यवंशी अब आगामी अंडर-19 एशिया कप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा हैं। उनका करियर भले ही शुरुआत में हो, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति जुनून ने उनकी काबिलियत को साबित कर दिया है। यह बाएं हाथ का बल्लेबाज अपने आदर्श ब्रायन लारा की तरह बड़े सपने देखता है।
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