Mukhyamantri Doodh Uphar Yojana: महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने एक विशेष योजना की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से सुरक्षित करना है। इस योजना की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान 5 अगस्त 2020 को की गई थी। योजना के तहत, सरकार ने कुपोषण की रोकथाम के लिए विशेष आहार, स्वास्थ्य सुविधाएं और जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। इस पहल की प्रभावशीलता को मान्यता देते हुए इसे स्कॉच गोल्ड अवार्ड भी प्राप्त हुआ है, जो इसके उत्कृष्ट कार्य और सामाजिक योगदान को दर्शाता है।
Mukhyamantri Doodh Uphar Yojana क्या हैं
मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के तहत, हरियाणा सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर चयनित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को विटामिन ए और डी 3 की कमी को दूर करने के लिए स्किम्ड दूध उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के अनुसार, साल में 300 दिन तक स्किम्ड दूध देने का प्रावधान किया गया है।
योजना की प्रभावी निगरानी विभाग के मुख्यालय और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा की जाती है। इसके अलावा, आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कार्यकर्ता और सहायिकाएं भी योजना को सफल बनाने में सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं। इस पहल से लाभार्थियों के स्वास्थ्य, खासकर उनके पोषण स्तर में सुधार देखने को मिला है।
मिलता है अलग-अलग फ्लेवर का दूध
हरियाणा राज्य में मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के अंतर्गत 6 महीने से 6 साल तक के 9 लाख 23 हजार बच्चों, 2 लाख 88 हजार गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को सप्ताह में छह दिन विविध फ्लेवर के दूध प्रदान किया जाता है। इसमें गुलाब, इलायची, चॉकलेट, वनीला, बटरस्काच और सादा दूध शामिल हैं।
यह दूध प्रोटीन, कैलोरी, कैल्सियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी12, विटामिन ए और डी3 की भरपूर मात्रा से भरा होता है। इसके परिणामस्वरूप, प्रदेश में सामान्य पोषण स्तर वाले बच्चों की संख्या में 3.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, और मध्यम रूप से कम वजन वाले बच्चों में 3.66 प्रतिशत की कमी देखी गई है। यह पहल महिलाओं और बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने किया ऐलान
तीज के मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री दुग्ध उपहार योजना के तहत एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब इस योजना के अंतर्गत, स्कूलों में 14 से 18 साल के विद्यार्थियों को साल में डेढ़ सौ दिन तक फोर्टीफाइड दूध प्रदान किया जाएगा। यह कदम विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए उठाया गया है, जिससे उनके समग्र विकास और शिक्षा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी पात्रता
मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना का लाभ हरियाणा राज्य की मूल निवासी महिलाएं, गर्भवती महिलाएं, और बच्चे उठा सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की मदद करना है, इसलिए केवल ऐसे परिवार ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, योजना का लाभ उन बच्चों को भी दिया जाएगा जो 1 से 6 साल की उम्र के बीच हैं। इस उम्र वर्ग के सभी बच्चे योजना के अंतर्गत आ सकते हैं और उन्हें लाभ मिल सकता है।
मुख्यमंत्री दुग्ध उपहार योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इनमें शामिल हैं:
आधार कार्ड – जो व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करता है।
मोबाइल नम्बर – जिससे योजना की जानकारी और अपडेट्स प्राप्त की जा सकें।
जाति प्रमाण पत्र – जो यह पुष्टि करता है कि लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से संबंधित है।
इन दस्तावेजों की सहायता से पात्रता की पुष्टि की जाएगी और योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।
योजना के तहत आवेदन कैसे करें
मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के लिए आवेदन करने की कोई विशेष प्रक्रिया नहीं है। इस योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्वयं घर-घर जाकर दूध वितरित करेंगी। लाभार्थी को दूध प्रदान करने से पहले, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी के बारे में जरूरी जानकारी एकत्र करेंगी। इसमें आवेदक का नाम, पता, उम्र, जातीय प्रमाण पत्र, और मोबाइल नंबर शामिल हैं।
सभी जानकारी एकत्र करने के बाद, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संबंधित पेपरवर्क पूरा करेंगी। इसके बाद, लाभार्थी को नियमित रूप से दूध प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार, महिलाएं और माताएं बिना किसी जटिलता के मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगी।
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